भाव महक गये जरा मुरली धुन सुनाओ प्रभु दिल के आँगन में फूल खिल जायें जरा स्वर सजाओ तो भाव के गगन में मेघ बरस जायें ,,,एक बार आओ तो झूम झूम गायें मन में उतर आओ तो ,,,मेरा यह मन भावन गीत तुम्हे मिलेंगें साँसों के संगीत की अभिनन्दन तुम्हे मिलेगें बरसेगा सावन झूम झूम के जब भाव में हम तुम मिलेगें प्रार्थना बनेगेंरे मन सब निरस है सरस है मुरली धुनचुपके से आकर इस दिलमें उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो। तुम बादल बूँदें धरती अम्बर,सब कुछ सावन तुम होतुम सा ही दिखता है सबकुछ,तुम सा हैधवल चांदनी में भी धुन है, तेरी ही रुनझुन गुनगुन है,बिछी हर सिंगार की चादर,तुम सी है मुरली की धुन या बहती थी किसलय पुरवाई देवालय से आती ध्वनियाँ,तुम सा हैहर एक दिन एक साल रहा, पतझर भी मधुमास रहा लगता है बसंत सा मौसम, तुम जैसामुक्त छंद थे,कवितायेँ थी,गीतों की भी मालाएं हैं तुम नजर आते हो रे मन सब धुनमयी नजर आती है Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps September 25, 2022 Read more
किसी भी काम के लिए.. कोई भी.. निर्धारित उम्र नही होती है.. जब जागो तभी सवेरा है.. हर पल को जी भर के जी लो क्यूंकि.. जिंदगी ना मिलेगी दुबारा Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps September 09, 2022 Read more