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जिनके अनन्त रूप हैं जिनका कभी क्षय नहीं होता, कभी अधोगति नहीं होती कृष्णः 'कृष्' सत्तावाचक है | 'ण' आनन्दवाचक है | इन दोनों के एकत्व का सूचक परब्रह्म कृष्ण कहलाता है |केशवः क माने ब्रह्म को और ईश – शिव को वश में रखने वाले |केशिनिषूदनः घोड़े का आकार वाले केशि नामक दैत्य का नाश करने वाले |,कमल के पत्ते जैसी सुन्दर विशाल आँखों वाले |जगत्पतिः जगत के पति |जगन्निवासः जिनमें जगत का निवास मम् ह्दय के पास
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