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**कितनी खूबसूरती से "ईश्वर" आपकी जिन्दगी में हर एक दिन जोड़ते हैं.....**इसलिए नहीं कि आपको उसकी जरूरत है,* *शायद इसलिए कि किसी और को आपकी बहुत ज्यादा जरूरत है.....* *कर पुकार उस प्रभु के आगे,**क्योंकि सब कुछ उसी के बस में होता है। एक मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाला कलाकार ईश्वर से कहता है.....* *"प्रभु तू भी एक कलाकार है और मैं भी एक कलाकार हूँ,* *तूने मुझ जैसे असंख्य पुतले बनाकर इस धरती पर भेजे हैं,**और मैंने तेरे असंख्य पुतले बना कर इस घरती पर बेचे हैं।* *पर ईश्वर उस समय बड़ी शर्म आती है, जब तेरे बनाये हुए पुतले आपस में लड़ते हैं**और मेरे बनाये हुए पुतलों के सामने लोग शीश झुकाते हैं"*.
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