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पूर्ण तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि,जब सारी इच्छाओं से मन भर जाएं,दूसरों के हित का जीवन, जब दिल में कोई अपराध भाव,ना बचे,,कोई भाव कोई जिम्मेदारी शेष ना हो,जब इच्छाओं का भी अंत हो जाएं,इष्ट के श्री चरणों में पूर्ण समर्पण,,जब कुछ भी शेष ना रहे,जब मोक्ष की भी इच्छा ना बचे,,वही पल सत्य है, वही लक्ष्य है,पूर्ण संतुष्टि,, पूर्ण तृप्ति,,, पूर्ण शांति,, अखण्ड आनन्द,,
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