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कृष्ण को द्वेष नहीं....प्रेम प्रिय है....कृष्ण को अहंकार नहीं.....समर्पण प्रिय है...कृष्ण को धन नहीं.....निर्मल मन प्रिय है....कृष्ण को दिखावा नहीं.....भाव प्रिय है....कृष्ण को राग नहीं....अनुराग प्रिय है...!कृष्ण को रुप नहीं....आपके सद्गुण प्रिय है....कृष्ण को पुजारी नहीं....उनके प्रेम में सर्वस्व त्यागने वाला जुआरी प्रिय है....!
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