Posts
Showing posts from June, 2022
प्रेम एक अद्वैत अनुभूति है... देह से परे और नेह से जुड़े,अभिन्न मन तन की परस्पर,ससम्मानीय सी स्वीकृति है...होता इसकी अभिव्यक्ति का न,कोई भी दिन कभी विशेष है ।न हीअपने प्रिय से प्रेम प्रकट ..करने का मोहताज़ सन्देश है।स्वार्थ की संकीर्णता से है मुक्त..प्रिय जन की शुभेच्छा से युक्त
- Get link
- X
- Other Apps
शिव शक्ति ही वो ऊर्जा है निज में जो शरीर के अवयव को जोड़ती है ,,जीवन है, साँस है यह आत्मबल है ,आस विश्वास है जल के कण कण में हवा नभ ,थल में बँधन है अणु ,परमाणु में साफ स्वच्छ विचार ,आहार में आचरण विचरण व्यवहार में शिव- शक्ति- विश्वात्मा है ,शिव-शक्ति-विश्वसृजक है,शिव-शक्ति- विश्वरूप हैं ,जिससे है जड़- चेतनशून्य ही हैवही शून्य है वही गणनाएँ शून्य ही आकाश हैं। जिसमें शिवशक्ति एहसास है पृथ्वी ग्रह-उपग्रह, चाँद-तारे, शिवशक्ति के ही पास हैं।। शिवशक्ति है महाविष्फोट प्रकृति का रचना हूआ जड़ चेतन सब तत्वों का अभ्यूदय हुआ,शून्य से जीवन शुरू है, शून्य पर ही अन्त है।शिव अज हैं अनादि हैं अनन्त हैं शिव राख लपेटे अघोरी सन्त हैं,शिव कल्याण हैं योग है वैराग्य है शिव शक्ति ही तम में ज्ञान रुपी प्रकाश हैंपूज्य परमेश्वर है।शाश्वत है, दिगम्बर है।शिव त्रिदेवों में पूजनीय महेश्वर है।शिव सत्य है, शक्ति उनकी पहचान हैं केशव आदि से ही शून्य का शिवशक्ति की महिमा अपार-अनन्त है।।शून्य के बिन साधना का भी अधूरा ज्ञान है।शिवशक्ति से ही तो हमारे स्वरूप की पहचान है।।
- Get link
- X
- Other Apps